सूचना
जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) के सदस्य लक्ष्मण प्रसाद को उनकी संगठन और जनआंदोलन विरोधी गतिविधियों के कारण संगठन से निष्कासित कर दिया गया है। लक्ष्मण प्रसाद की भूमिका पिछले वर्ष महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में कुलपति वी.एन.राय के खिलाफ चले छात्र, दलित, महिला, लेखक और पत्रकारों के आंदोलन में संदिग्ध और दोहरी भूमिका रही थी। संगठन ने उन्हें उनसे तब भी बात की थी और ऐसी गतिविधियों के लिए चेताया था। पिछले दिनों भी उनसे कई दौर में बातचीत करने की कोशिश की गई। लेकिन वे अपने पक्ष में कोई तार्किक और स्पष्ट वैचारिक सफाई नहीं दे पाये। उनकी बातों से स्पष्ट है कि वह विश्वविद्यालय के दलित-महिला विरोधी कुलपति वी.एन.राय से नजदीकियों के पक्ष में हैं, और भविष्य में उसका लाभ उठाने की भी मंशा रखते हैं।
जेयूसीएस का मानना है कि वी.एन. राय, लक्ष्मण प्रसाद जैसे लोगों को अपनी दलित विरोधी छवि को धोने के लिए एक हथियार(टूल) के बतौर इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में संगठन किसी भी तरह से अपने सदस्य को एक भ्रष्ट, सामंती, जातिवादी और पुलिसिया कुलपति के हाथों इस्तेमाल होने की इजाजत नहीं देगा। इस संबंध में जेयूसीएस के सदस्यों से 13 जनवरी, 2011 को दिल्ली में बातचीत हुई। सदस्यों का बहुमत इस पक्ष में है कि उनसे भविष्य में किसी भी तरह के राजनैतिक या सांगठनिक संबंध नहीं रखे जाए। लिहाजा उन्हें संगठन से निष्कासित किया जाता है।
द्वारा-
शाहनवाज आलम, विजय प्रताप, नवीन कुमार, ऋषि कुमार सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अवनीश राय, अरूण कुमार उरांव, प्रबुद्ध गौतम, अर्चना महतो, शाहआलम, विवेक मिश्रा, राकेश, देवाशीष प्रसून, दीपक राव, प्रवीण मालवीय, ओम नागर, तारिक, मसीहुद्दीन संजरी, वरूण, मुकेश चौरासे, अली अख्तर, गुफरान.