Wednesday, August 17, 2011

मालेगांव धमाके, न्यायिक सांप्रदायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन

वक्ता- सुभाष गताडे, अजित साही, अनिल चमड़िया और मुज्तबा फारुक
स्थान- यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ
समय- 11ः30 से 2 बजे तक
दिनांक- 21 अगस्त 2011, दिन रविवार

मित्रों,
    पिछले दिनों मालेगांव धमाकों  के दो हिन्दुत्ववादी आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने यह कहते हुए जमानत दे दिया कि वे भले ही षडयंत्र से वाकिफ थे लेकिन सिर्फ इस आधार पर ही उन्हें षडयंत्रकारी नहीं माना जा सकता जबकि वहीं दूसरी ओर पूरे देशभर में सिर्फ शक के आधार पर बहुत से मुस्लिम नौजवानों को जेलों में रखा गया है। जाहिर है न्यायपालिका का रवैया इस मुद्दे पर काफी खतरनाक हद तक सांप्रदायिक हो चुका है। वहीं आतंकवाद के मुद्दे का दूसरा पहलू यह भी उभरता जा रहा है कि इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम पर लगातार मुसलमानों को उठाए जाने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। इंडियन मुजाहिद्दीन क्या है किसका संगठन है या है भी की नहीं या एक राज्य प्रायोजित कागजी संगठन है, इस पर भी लगातार बहसें जारी हैं। कुछ संगठनों और बुद्धिजीवियों की तरफ से इस पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग उठ रही है। इसी आलोक में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें नार्वे की घटनाओं के आलोक में हिंदुत्व के उजागर होते आतंकवादी षडयंत्रों पर भी परिचर्चा होगी।
निवेदक- मो0 शुएब (9415012666), अरुन्धती धुरु (9415022772), एसआर दारापुरी (9415164845), रुपरेखा वर्मा (9335905337), जावेद मोहम्मद (9936929000), रणधीर सिंह सुमन (9450195427), जहीर आलम फलाही (9450084200), एड0 अजमल, एड0 जमाल, पुष्पेंद्र कुमार सिंह, रवि शेखर (9369444528), एकता सिंह (9807380472), शाहनवाज आलम (9415254919), राजीव यादव (9452800752)।

Sunday, August 14, 2011

फर्जी एनकाउंटरों से हाई एलर्ट- JUCS

पिछले लंबे समय से स्वतंत्रता दिवस कई निर्दोष लोगों के अपनी जिंदगी से नाहक ही हाथ धो बैठने का भी दिवस बन गया है। जाहिर है इस बार भी कुछ लोग राष्ट्र की सुरक्षा के नाम राज्य द्वारा ‘चाक-चौबंद हाई एलर्ट’ सुरक्षा व्यवस्था की भेंट चढ़ जाएं। इस बात की संभावना इसलिए भी दृढ़ है कि स्वतंत्रता दिवस से एक हफ्ते पहले से ही संधिग्ध पत्रों की आवाजाही की खबरें सरकारी और मीडीयाई सूत्रों से आने लगी हैं कि फलां-फलां शहर और संस्थान आतंकियों के निशाने पर हैं। यानि भट्ठी गर्मानी शुरु हो गई है जिसमें सही समय पर कुछ लोगों को झोंका जा सकता है।
ऐसे में हम जेयूसीएस की तरफ से आम और खास तौर पर जनता के उस समूह और क्षेत्रों से, जिन्हें भारतीय राज्य एक आंतरिक शत्रु के बतौर चित्रित करने के चौसठ साल 15 अगस्त को मनाएगा, से अपील करते हैं कि वे देर रात या सुबह-सुबह अकेले कहीं न निकलें। अगर आपके किसी करीबी व्यक्ति के गायब होने का संदेह हो तो तुरंत राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग व मीडिया को तार, फैक्स और मेल से सूचित कर संबधित व्यक्ति के सारे तथ्य इकट्ठा करके स्थानीय थाने को रिपोर्ट करें। विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, बांग्लादेश से लगे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले, नेपाल के सीमावर्ती यूपी-बिहार के क्षेत्र, और खासकर आजमगढ़, भटकल, कन्नूर, रांची और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल सहारनपुर, मेरठ, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और राष्ट्रीय राजधानी के एनसीआर क्षेत्र, दिल्ली के बाटला हाउस, जामिया नगर, जामा मस्जिद समेत पुरानी दिल्ली के क्षेत्र और मोदी के संपूर्ण गुजरात और उससे लगे महाराष्ट्र के बंबई और मालेगांव के लोगों से खास तौर से इस अपील पर अमल करने की गुजारिश है। 
जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी (JUCS) शाहनवाज आलम, राजीव यादव द्वारा राष्ट्रहित में जारी। 09415254919, 09452800752।