Sunday, April 1, 2012

‘दूरदर्शन उर्दू’ चैनल का सच


दूरदर्शन का डीडी उर्दूचैनल स्थापना के बाद पांच वर्षों में अपना कोई ढांचा तैयार नहीं कर पाया है। मीडिया स्टडीज ग्रुप के एक सर्वे से पता चला है कि देश भर के 80 दूरदर्शन केंद्रों में डीडी उर्दूके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा दूरदर्शन के दिल्ली केंद्र में उर्दू चैनल के लिए केवल 6 स्थायी कर्मचारी हैं, उनमें भी चार पद प्रशासनिक हैं। देश भर में दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता, पटना और अहमदाबाद के अलावा दूरदर्शन के 80 केंद्रों से उर्दू चैनल के लिए नियुक्त कर्मचारियों के बाबत सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी गई थी। यह सर्वे मासिक शोध जर्नल जन मीडिया’ (हिंदी) और मास मीडिया’ (अंग्रेजी) ने प्रकाशित किया है, जिसका पहला अंक 2 अप्रैल को जारी किया जाएगा।
मीडिया शोध से जुड़ी संस्था मीडिया स्टडीज ग्रुप ने डीडी उर्दू के उद्देश्यों और उसके अनुपात में मानव संसाधनपर अपने इस सर्वे में पाया कि विशेश भाषाई दर्शक समुदाय के लिए शुरू किए गए इस चैनल के लिए कर्मचारियों की कोई स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है। ग्रुप की ओर से शोधकर्ता अवनीश ने देश भर के 87 दूरदर्षन केंद्रों में सूचना अधिकार (आरटीआई) से यह जानकारी प्राप्त की है। आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार 80 दूरदर्शन केंद्र, जहां से डीडी उर्दूका प्रसारण होता है, वहां पर इसके लिए न तो कोई पद सृजित किया गया है, ना ही कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इन केद्रों पर दूरदर्शन के लिए काम करने वाले कर्मचारी ही डीडी उर्दूका भी काम करते हैं। इन केंद्रों पर उर्दू चैनल के लिए कार्यक्रम बनाने की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली स्थित दूरदर्शन भवन में डीडी उर्दू के लिए 6 स्थायी अधिकारी नियुक्त हैं। इन पदों में एक उप महानिदेशक, एक अनुभाग अधिकारी, एक प्रोग्राम प्रोड्यूसर, एक प्रोड्यूसर, एक एडीपी और एक एडीजी हैं। इसके अलावा दूरदर्शन भवन के डीडी उर्दू अनुभाग में 18 कर्मचारी नियुक्त हैं, जो कि सभी अस्थायी हैं। क्षेत्रीय प्रसारण केंद्रों में नियुक्तियां अस्थायी और आकस्मिक हैं।
दूरदर्शन के लखनऊ केंद्र में डीडी उर्दू के कार्यक्रम बनाने वाले पैनल में 11, हैदराबाद में 29, कोलकाता में 21 और पटना में 6 कर्मचारी हैं। ये सभी अस्थाई या कैजुअल आधार पर काम करते हैं। अहमदाबाद में उर्दू का एक कार्यक्रम अंजुमनप्रसारित होता है, जो दूरदर्शन केंद्र के एक कर्मचारी ईशू देसाई बनाते हैं।
डीडी उर्दू की स्थापना 15 अगस्त 2006 को हुई। एक चैनल के रूप डीडी उर्दू ने 14 नवंबर 2007 से 24 घंटे का प्रसारण शुरू किया। चैनल का उद्देश्य अपने दर्शकों को विरासत, संस्कृति, सूचना, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम मुहैया कराना है। चैनल की स्थापना के समय यह दावा किया गया था कि इससे धीरे-धीरे भुलाई जा रही इस भाषा को फिर से लोकप्रिय करने में मदद मिलेगी। स्थापना के बाद से ये चैनल अभी तक कार्यक्रम निर्माण के लिए अपना ढांचा विकसित नहीं कर सका है। कर्मचारी की नियुक्ति नहीं किये जाने की वजह से इस चैनल को कार्यक्रमों के निर्माण के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता है। डीडी उर्दू से प्रसारित होने वाली खबरें भी दूरदर्शन से ही ली जाती हैं। उर्दू कार्यक्रमों के लिए किसी नीति का नहीं होना वास्तव में एक ठोस संचार नीति की कमी से जुड़ा है।
चैबीस घंटे का यह चैनल ठोस नीति के अभाव में अपने उद्देश्यों को पूरा कर नहीं कर पा रहा है। मीडिया स्टडीज ग्रुप पहले भी मीडिया से जुड़े मुद्दों पर शोध और सर्वे करता रहा है। इस ग्रुप का मीडिया में काम करने वालों लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन खासा महत्व रहा है।
शोध जर्नल जन मीडियाऔर मास मीडियाका नवान्न (विमोचन) सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता प्रषांत भूशण 2 अप्रैल को दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कालेज में करेंगे। इस मौके पर मीडिया पर शोध की आवश्यकताविषय परिचर्चा भी आयोजित की गई है।

डीडी उर्दू चैनल में कर्मचारियों की स्थिति का ब्यौरा
देशभर के 87 दूरदर्शन केंद्रों ने सूचना उपलब्ध कराई। इन सूचनाओं का विवरण यहां दिया जा रहा है।

1. दिल्ली - प्रसार भारती के कोपरनिकस मार्ग स्थित दूरदर्शन भवन में डीडी उर्दू अनुभाग में कार्यरत कर्मचारियों की सूची
उप महानिदेशक (स्थाई)    1
अनुभाग अधिकारी (स्थाई)   1
प्रोग्राम प्रोड्यूसर (स्थाई)    1
सेवानिवृत्त डीडीपी (अस्थाई)  1
प्रोड्यूसर (स्थाई)          1
एडीपी (स्थाई)       1
एडीजी (स्थाई)            1
वीटी एडीटर (अस्थाई)      1
बीई- प्रथम(अस्थाई)  6
बीई- द्वितीय(अस्थाई) 7
अभिलेखीय सहायक (अस्थाई) 3
पुस्तकालय सहायक (अस्थाई)      1
2. दिल्ली - स्थित आकाशवाणी में उर्दू कार्यक्रमों के लिए नियुक्त कर्मचारियों की सूची
कार्यक्रम अधिकारी         1
प्रसारण अधिकारी (ठेके पर) 1
अवर श्रेणी लिपिक         1
3. दूरदर्शन केंद्र लखनऊ - उर्दू में प्रसारण के लिए पैनल
न्यूज राइटर (आकस्मिक)       5
उर्दू टाइपिस्ट (आकस्मिक)   6
4. दूरदर्शन केंद्र हैदराबाद - उर्दू में प्रसारण के लिए पैनल (उर्दू के लिए कोई विशेष स्टाफ नहीं है)
प्रोगाम प्रोड्यूसर (अस्थाई)   3
न्यूज रीडर (अस्थाई) 13
अनुवादक (अस्थाई)        6
कैलीग्राफर/कंप्यूटर आपरेटर
(अस्थाई)                 7
5. दूरदर्शन केंद्र कोलकाता - सभी कर्मचारी अस्थाई एवं अनौपचारिक आधार पर
प्रोडक्शन असिस्टेंट (अस्थाई) 3
संपादकीय सहायक (अस्थाई) 3
कैलीग्राफर(अस्थाई)        3
ग्राफिक डिजाइनर (अस्थाई) 5
न्यूज रीडर (अस्थाई) 7
6. दूरदर्शन केंद्र पटना- सभी अस्थाई ठेके पर
उर्दू संपादकीय सहयोगी (आकस्मिक)      2
उर्दू कॉपी राइटर (आकस्मिक)      2
उर्दू प्रस्तुति सहायक (आकस्मिक)   1
उर्दू ग्राफिक डिजाइनर (आकस्मिक) 1
7. दूरदर्शन केंद्र अहमदाबाद- उर्दू चैनल के लिए अलग से कोई नियुक्ति नहीं है। उर्दू का एक कार्यक्रम अंजुमनयहां से प्रसारित होता है, जो केंद्र के ही एक कर्मचारी इशू देसाई बनाते हैं। इसके अलावा दूरदर्शन के अन्य 80 केंद्रों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार उन केद्रों पर उर्दू चैनल के लिए न तो कोई पद सृजित किया गया है और न ही उर्दू चैनल के लिए कोई नियुक्ति की गई है। इन केंद्रों पर उर्दू चैनल के लिए कोई कार्यक्रम बनाने की व्यवस्था भी नहीं है।

‘दूरदर्शन उर्दू’ चैनल का सच


दूरदर्शन का डीडी उर्दूचैनल स्थापना के बाद पांच वर्षों में अपना कोई ढांचा तैयार नहीं कर पाया है। मीडिया स्टडीज ग्रुप के एक सर्वे से पता चला है कि देश भर के 80 दूरदर्शन केंद्रों में डीडी उर्दूके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा दूरदर्शन के दिल्ली केंद्र में उर्दू चैनल के लिए केवल 6 स्थायी कर्मचारी हैं, उनमें भी चार पद प्रशासनिक हैं। देश भर में दिल्ली, लखनऊ, हैदराबाद, कोलकाता, पटना और अहमदाबाद के अलावा दूरदर्शन के 80 केंद्रों से उर्दू चैनल के लिए नियुक्त कर्मचारियों के बाबत सूचना के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी गई थी। यह सर्वे मासिक शोध जर्नल जन मीडिया’ (हिंदी) और मास मीडिया’ (अंग्रेजी) ने प्रकाशित किया है, जिसका पहला अंक 2 अप्रैल को जारी किया जाएगा।
मीडिया शोध से जुड़ी संस्था मीडिया स्टडीज ग्रुप ने डीडी उर्दू के उद्देश्यों और उसके अनुपात में मानव संसाधनपर अपने इस सर्वे में पाया कि विशेश भाषाई दर्शक समुदाय के लिए शुरू किए गए इस चैनल के लिए कर्मचारियों की कोई स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है। ग्रुप की ओर से शोधकर्ता अवनीश ने देश भर के 87 दूरदर्षन केंद्रों में सूचना अधिकार (आरटीआई) से यह जानकारी प्राप्त की है। आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार 80 दूरदर्शन केंद्र, जहां से डीडी उर्दूका प्रसारण होता है, वहां पर इसके लिए न तो कोई पद सृजित किया गया है, ना ही कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इन केद्रों पर दूरदर्शन के लिए काम करने वाले कर्मचारी ही डीडी उर्दूका भी काम करते हैं। इन केंद्रों पर उर्दू चैनल के लिए कार्यक्रम बनाने की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली स्थित दूरदर्शन भवन में डीडी उर्दू के लिए 6 स्थायी अधिकारी नियुक्त हैं। इन पदों में एक उप महानिदेशक, एक अनुभाग अधिकारी, एक प्रोग्राम प्रोड्यूसर, एक प्रोड्यूसर, एक एडीपी और एक एडीजी हैं। इसके अलावा दूरदर्शन भवन के डीडी उर्दू अनुभाग में 18 कर्मचारी नियुक्त हैं, जो कि सभी अस्थायी हैं। क्षेत्रीय प्रसारण केंद्रों में नियुक्तियां अस्थायी और आकस्मिक हैं।
दूरदर्शन के लखनऊ केंद्र में डीडी उर्दू के कार्यक्रम बनाने वाले पैनल में 11, हैदराबाद में 29, कोलकाता में 21 और पटना में 6 कर्मचारी हैं। ये सभी अस्थाई या कैजुअल आधार पर काम करते हैं। अहमदाबाद में उर्दू का एक कार्यक्रम अंजुमनप्रसारित होता है, जो दूरदर्शन केंद्र के एक कर्मचारी ईशू देसाई बनाते हैं।
डीडी उर्दू की स्थापना 15 अगस्त 2006 को हुई। एक चैनल के रूप डीडी उर्दू ने 14 नवंबर 2007 से 24 घंटे का प्रसारण शुरू किया। चैनल का उद्देश्य अपने दर्शकों को विरासत, संस्कृति, सूचना, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम मुहैया कराना है। चैनल की स्थापना के समय यह दावा किया गया था कि इससे धीरे-धीरे भुलाई जा रही इस भाषा को फिर से लोकप्रिय करने में मदद मिलेगी। स्थापना के बाद से ये चैनल अभी तक कार्यक्रम निर्माण के लिए अपना ढांचा विकसित नहीं कर सका है। कर्मचारी की नियुक्ति नहीं किये जाने की वजह से इस चैनल को कार्यक्रमों के निर्माण के लिए बाहरी एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता है। डीडी उर्दू से प्रसारित होने वाली खबरें भी दूरदर्शन से ही ली जाती हैं। उर्दू कार्यक्रमों के लिए किसी नीति का नहीं होना वास्तव में एक ठोस संचार नीति की कमी से जुड़ा है।
चैबीस घंटे का यह चैनल ठोस नीति के अभाव में अपने उद्देश्यों को पूरा कर नहीं कर पा रहा है। मीडिया स्टडीज ग्रुप पहले भी मीडिया से जुड़े मुद्दों पर शोध और सर्वे करता रहा है। इस ग्रुप का मीडिया में काम करने वालों लोगों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन खासा महत्व रहा है।
शोध जर्नल जन मीडियाऔर मास मीडियाका नवान्न (विमोचन) सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता प्रषांत भूशण 2 अप्रैल को दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कालेज में करेंगे। इस मौके पर मीडिया पर शोध की आवश्यकताविषय परिचर्चा भी आयोजित की गई है।

डीडी उर्दू चैनल में कर्मचारियों की स्थिति का ब्यौरा
देशभर के 87 दूरदर्शन केंद्रों ने सूचना उपलब्ध कराई। इन सूचनाओं का विवरण यहां दिया जा रहा है।

1. दिल्ली - प्रसार भारती के कोपरनिकस मार्ग स्थित दूरदर्शन भवन में डीडी उर्दू अनुभाग में कार्यरत कर्मचारियों की सूची
उप महानिदेशक (स्थाई)   1
अनुभाग अधिकारी (स्थाई) 1
प्रोग्राम प्रोड्यूसर (स्थाई)   1
सेवानिवृत्त डीडीपी (अस्थाई) 1
प्रोड्यूसर (स्थाई)         1
एडीपी (स्थाई)      1
एडीजी (स्थाई)      1
वीटी एडीटर (अस्थाई)    1
बीई- प्रथम(अस्थाई)  6
बीई- द्वितीय(अस्थाई) 7
अभिलेखीय सहायक (अस्थाई) 3
पुस्तकालय सहायक (अस्थाई)   1
2. दिल्ली - स्थित आकाशवाणी में उर्दू कार्यक्रमों के लिए नियुक्त कर्मचारियों की सूची
कार्यक्रम अधिकारी        1
प्रसारण अधिकारी (ठेके पर)    1
अवर श्रेणी लिपिक        1
3. दूरदर्शन केंद्र लखनऊ - उर्दू में प्रसारण के लिए पैनल
न्यूज राइटर (आकस्मिक)      5
उर्दू टाइपिस्ट (आकस्मिक) 6
4. दूरदर्शन केंद्र हैदराबाद - उर्दू में प्रसारण के लिए पैनल (उर्दू के लिए कोई विशेष स्टाफ नहीं है)
प्रोगाम प्रोड्यूसर (अस्थाई) 3
न्यूज रीडर (अस्थाई) 13
अनुवादक (अस्थाई)       6
कैलीग्राफर/कंप्यूटर आपरेटर
(अस्थाई)           7
5. दूरदर्शन केंद्र कोलकाता - सभी कर्मचारी अस्थाई एवं अनौपचारिक आधार पर
प्रोडक्शन असिस्टेंट (अस्थाई)    3
संपादकीय सहायक (अस्थाई)    3
कैलीग्राफर(अस्थाई)       3
ग्राफिक डिजाइनर (अस्थाई) 5
न्यूज रीडर (अस्थाई) 7
6. दूरदर्शन केंद्र पटना- सभी अस्थाई ठेके पर
उर्दू संपादकीय सहयोगी (आकस्मिक)  2
उर्दू कॉपी राइटर (आकस्मिक)   2
उर्दू प्रस्तुति सहायक (आकस्मिक) 1
उर्दू ग्राफिक डिजाइनर (आकस्मिक)   1
7. दूरदर्शन केंद्र अहमदाबाद- उर्दू चैनल के लिए अलग से कोई नियुक्ति नहीं है। उर्दू का एक कार्यक्रम अंजुमनयहां से प्रसारित होता है, जो केंद्र के ही एक कर्मचारी इशू देसाई बनाते हैं। इसके अलावा दूरदर्शन के अन्य 80 केंद्रों से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार उन केद्रों पर उर्दू चैनल के लिए न तो कोई पद सृजित किया गया है और न ही उर्दू चैनल के लिए कोई नियुक्ति की गई है। इन केंद्रों पर उर्दू चैनल के लिए कोई कार्यक्रम बनाने की व्यवस्था भी नहीं है।