Sunday, March 29, 2009

जेयूसीएस की रिपोर्ट पर नई दुनिया और एनडीटीवी की खबर



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एनडीटीवी की खबर

BJP using Hindutva card to the hilt

The Bharatiya Janata Party (BJP) is using the Hindutva card to the hilt to fight these elections.

After initial damage control post Varun Gandhi's hate speech, the party made him a star campaigner and now another candidate known for his communal speeches, Adityanath Yogi, will accompany the party's prime ministerial candidate Lal Krishna Advani on his campaign tour through Uttar Pradesh.

The BJP may have disowned Varun's speech, but Yogi Adtiyanath is different.

His speeches have been consistently vitriolic - sowing the seeds for communal hatred, representing the most radical of saffron forces.

Advani will kickstart his campaign in eastern UP on Saturday, standing shoulder-to-shoulder with Yogi Adityanath at Kushinagar and Maharajganj.

And this happens because Adityanath is very influential in seven eastern UP districts.

He controls the powerful Gorakh Dham Peeth, a powerful religious body in the area, and for 10 years, his Hindu Yuva Vahini, a saffron sena out of the Sang Parivar fold, has been polarising votes.

Yodi Adityanath has been in trouble with the law on several occasions. He's been under the scanner for his alleged role in 2006 Mau riots. His march in Azamgarh in 2008 sparked communal tension.

But the BJP dismisses both Adityanath's past and his hate speeches.

"That is an old speech why are we talking about it during elections," said BJP spokesperson Balbir Punj.

This is the BJP's victory pledge for the polls. As we see, there is no Hindutva, perhaps it is the subtext - highlighted by leaders like Adityanath, and now Varun Gandhi.

Thursday, March 26, 2009

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बहाने बाटने की राजनीती

इलाहाबाद 26 मार्च 09/ भले ही भाजपा नेता वरुण गांधी की अल्पसंख्यक विरोधी भाषण पर चुनाव आयोग ने थोड़ी बहुत खानापूर्ति कर ली हो लेकिन सांसद योगी आदित्यनाथ के घोर सांप्रदायिक विद्वेश फैलाने वाले भाषणों की सीडी जेयूसीएस के मानिटरिंग सेल द्वारा 20 मार्च 09 को निर्वाचन आयोग को भेजे जाने के बाद और चैनलों पर उसके दिखाए जाने के वावजूद भी निर्वाचन आयोग खानापूर्ती तो दूर इस पर जबान खोलने को तैयार नहीं है। जिसके चलते पूर्वांचल के दर्जनो जिलों में योगी का सांप्रदायिक फासिस्ट प्रयोग जिसका वैचारिक बिन्दु मुस्लिम नरसंहार और भारत को घोषित हिन्दू राष्ट् बनाना है बदस्तूर जारी है।
पूर्वांचल में रहना है तो योगी योगी कहना है, जो योगी जी नहीं कहेगा वो पूर्वांचल में नहीं रहेगा, यूपी अब गुजरात बनेगा-पूर्वांचल शुरुआत करेगा, जब कटुए काटे जाएंगे तब राम-राम चिल्लाएंगे, हर-हर महादेव गोधरा बना देव, देखो-देखो कौन आया हिंदू राष्ट् का शेर आया जैसे नारों के साथ जो धमकी अधिक लगते हैं का प्रयोग धड़ल्ले से चल रहा है जिसे सरकारी मशीनरी यहां तक कि चुनाव आयोग भी नजरअंदाज करता है। पिछले दिनों आजमगढ़ उपचुनाव में बसपा से भाजपा में आए बाहुबली रमाकांत यादव के प्रचार में योगी ने जिस लहजे में जहर उगला वो कहीं से भी किसी सांसद तो छोड़िए जिम्मेदार नागरिक की भी भाषा नहीं हो सकती थी। जिस अखबारों ने भी टिप्पड़ी की लेकिन चुनाव आयोग के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। जेयूसीएस के शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने इस पर बयान देकर मांग की थी कि चुनाव आयोग रमाकांत यादव की उम्मीदवारी निरस्त करे लेकिन आयोग के रवैये के चलते ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसकी परिणति आगे चलकर अगस्त 2008 में योगी के लोगों के द्वारा प्रायोजित दंगे में हुयी। जेयूसीएस के इन नेताओं द्वारा पिछले तीन सालों से योगी की गतिविधियों की वीडियो रिकार्डिंग जिसमें उनके चुनावी भाषण भी हैं में योगी का सांप्रदायिक और फासिस्ट चेहरा साफ दिखता है। मसलन, आजमगढ़ उपचुनाव के प्रचार अभियान के अंतिम दिन 10 अप्रैल 08 को नगर पालिका चैराहा आजमगढ़ पर हुयी सभा में योगी ने कहा कि अभी हाल ही में हाईकोर्ट ने एक फैसले में चिंता जाहिर की है कि यूपी में सर्वाधिक हिन्दू लड़कियां मुसलमानों के साथ जा रही हैं। इस कल्पित हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए योगी आगे कहते हैं कि हमने गोरखपुर में एक नयी परंपरा शुरु की है जहां मुस्लिम लड़कियों को हिंदू रख रहे हैं। इस तरह हम नस्ल शुद्धि कर रहे हैं जिससे हम एक नयी जाति निर्माण करेंगे। योगी आगे कहते हैं यह परंपरा आजमगढ़ में भी शुरु होगी अगर कोई एक हिंदू लड़की मुस्लिम के यहां जाती है तो हम उसके बदले सौ मुस्लिम लड़कियों को ले आएंगे। योगी यहां उपस्थित जनता को उकसा कर उनसे अपनी बात पर हामी भी भरवाते हुए कहतें हैं कि अगर वे एक हिंदू को मारेंगें,तो इसके जवाब में जनता उनके साथ दोहराती है कि वो सौ को मारेंगे। इसी भाषण में योगी बाहुबली प्रत्याशी रमाकांत यादव को हनुमान बताते हुए कहते हैं कि देश सिर्फ माला जपने से नहीं चलता इसके लिए भाला चलाने वालों की भी जरुरत है। और भाला वही चलाएगा जिसकी भुजाओं में दम होगा, शिखंडी और नपुसंक लोगों के बूते ये लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इस बात के बाद मुसलमानों को केंद्रित करते हुए योगी कहते हैं कि इन अरब के बकरों को काटने के लिए तैयार हो जाइए। जो काम अब तक छुप कर होता था वो अब खुलेआम होगा। इसी सभा में योगी कहते हैं कि आजमगढ़ का नाम किसी मुस्लिम के नाम पर होना शर्मनाक है, इसका नाम हमें आर्यमगढ़ करना है। योगी अपनी धार्मिक छवि की आड़ में अपने फासिस्ट एजेण्डे को शस्त्र और शास्त्र का मिश्रण बताकर इसे हिंदुओ की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति बताते हैं।
गौरतलब है कि आजमगढ़ को आतंकगढ़ कई सालों से योगी कहते आ रहे हैं जिसे बाद में मीडिया भी धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगी। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि गोरखपुर ,महराजगंज, पडरौना, देवरिया में जहां लंबे समय से चल रहे फासिस्ट प्रयोंगो के तहत कई मुहल्लों के नाम जिसमें उर्दू टच दिखता है को बदल दिया गया है। मसलन, उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, अली नगर को आर्य नगर, शेखपुर को शेषपुर, मियां बाजार को माया बाजार, अफगान हाता को पाण्डे हाता, काजी चैक को तिलक चैक समेत दर्जनों नाम हैं।
जेयूसीएस की माॅनीटरिंग टीम जो मानवाधिकार से जुड़े विभिन्न पहलुओं, सांप्रदायिकता और आतंकवाद की राजनीति पर लम्बे समय से मानिटरिंग कर रही है ने पाया कि योगी आदित्यनाथ के जमीनी प्रयोग एक ऐसी नस्ल तैयार करने में लगे हैं जो विशुद्ध फासिस्ट हो, जिसका इतिहासबोध हद दर्जे तक मुस्लिम विरोधी मिथकों पर टिका हो और जो किसी भी तरह के गैर हिंदू प्रतीकों को बर्दास्त न करता हो। जिसको हम उनके प्रयोग स्थलों पर साफ देख सकते हैं। जैसे महराजगंज के भेड़िया बकरुआ गांव में योगी के स्टाॅर्मट्ूपर्स हिंदू युवा वाहिनी के लोगों ने कब्रस्तानों को ट्ैक्टर्स से जुतवा दिया। 2007 में पडरौना में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों को जला कर उनकी जगह प्रशासन के सहयोग से रातों रात हिंदू दुकानदारों को बसा दिया। जिसे शासन प्रशासन दंगो की फेहरिस्त में भी नहीं मानता लेकिन इस पूर्व नियोजित इस दंगे की संभावना महीने भर पहले ही कोतवाली में स्वयं पुलिस द्वारा दर्ज है।
बहरहाल उसी दिन यानी 10 अप्रैल 08 को ही एक अन्य सभा में बिलरियागंज आजमगढ़ में योगी ने कहा कि जो लोग हमारे हिंदुत्व के संकल्प से सहमत नहीं हैं उन्हें शाम तक आजमगढ़ छोड़ देने की तैयारी कर लेनी चाहिए। इस सभा में योगी की उपस्थिती से उत्साहित भाजपा नेताओं ने जहां मुस्लिमों को देश के खाद्यान संकट के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मुसलमान सूअर के पिल्ले की तरह बच्चे पैदा करके उन्हें आतंकवादी बनने के लिए छोड़ देते हैं। वहीं योगी ने मस्जिदों की मीनारों को बाबरी ढ़ाचे की तरह तोड़ने का आह्वान किया।
योगी अपने भाषणों में किसी दूर-दराज इलाके के हिंदुओं के उत्पीड़न की मनगढ़ंत कहानियां सुनाकर स्थानीय स्तर पर मुसलमानों से बदला लेने के लिए हिंदू भीड़ को उकसाते हैं। मसलन इसी सभा में वे कहते हैं कि मेरठ में हिंदुओं के साथ मुसलमान आतंकी व्यवहार करते हैं जिसके चलते हिंदू लड़कियों की पढ़ाई -लिखाई छूट गई है। अधिकतर हिंदू परिवारों ने अपनी बेटियों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है क्योंकि मुसलमान उनको उठा ले जाते हैं और उनके साथ सामूहिक दुराचार करते हैं और उन पर तेजाब डाल देते हैं। इन सभी सभाओं में चुनाव आयोग से लेकर स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे लेकिन किसी को भी योगी की बातें ऐसी नहीं लगी जिसके खिलाफ कार्यवाई होनी चाहिए।
मानीटरिंग करने वाले राजीव यादव और शाहनवाज आलम का कहना है कि सिर्फ चुनाव आचार संहिता के लागू रहने के समय ही किसी के भाषणों की सरकारी स्कैनिंग दर्शाती है कि ऐसा सिर्फ चुनावी फायदे नुकसान की दृष्टि से किया जाता है। वे आगे कहते हैं कि ऐसा करके आप किसी भी सांप्रदायिक नेता कोखुली वैधता दे देते हैं कि वो गैर चुनावी समय में अपने सांप्रदायिक भाषणों से माहौल बिगाड़ता रहे। वे आगे कहते हैं कि उनके पास फरवरी 2008 में बस्ती के भारत भारी गांव में आयोजित हिंदू चेतना रैली की वीडियो रिकार्डिंग है जिसमें योगी के लोगों ने खुलेआम कहा कि भारत को हिंदू राष्ट् बनाने के लिए मुसलमानों का वोट देने का अधिकार छीन कर उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया जाएगा। उनकी मस्जिदों की मीनारों पर भगवा झण्डे लगाकर शंखनाद किया जाएगा और उसमें सूअर पालन किया जाएगा। एक वक्ता ने तो यहां तक कहा कि कब्रस्तानों से मुस्लिम महिलाओं के कंकाल निकाल कर उनसे बलात्कार किया जाएगा। लेकिन चुनाव आचार संहिता से बाहर होने के कारण वो किसी के लिए सवाल नहीं है।
गौरतलब है कि योगी जिस पीठ के उत्तराधिकारी हैं वहां लंबे समय से उग्र हिंदुत्व खास कर सावरकर लाइन की पकड़ है। जहां माले गांव विस्फोटों में लिप्त अभिनव भारत की नेता और सावरकर की बहू और गांधी जी के हत्यारे गोडसे बेटी हिमानी सावरकर का आना-जाना रहता है। दरअसल योगी का हिंदुत्व वादी एजेण्डा सावरकर और गोडसे की हिंदू महासभा की ही ब्लूप्रिंट है। जिसकी तस्दीक इस तथ्य से भी होता है कि गांधी जी की हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर इसी गोरक्षपीठ की थी जिसमें तत्कालीन महंत दिग्विजय नाथ जो हिंदू महासभा के नेता थे और गांधी जी की हत्या के षड़यंत्र में जेल में भी थे। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि योगी की कार्यशैली और उसके उद्देश्य पूरी तरह से मालेगांव अभियुक्तों के खिलाफ आयी चार्जशीट से मेल खाती है। जैसे पुरोहित, प्रज्ञा इत्यादि गंगा के मैदानी भाग में सशस्त्र हिंदू विद्रोह करना चाहते थे तो ठीक उसी तरह योगी भी इसी भू-भाग में जिसे वे पुण्यांचल कहते हैं में सशत्र हिंदू प्रतिरोध की बात खुलेआम करते हैं। वैसे योगी के लोग लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्त पकड़े गए हैं। अभी पिछले साल ही पूर्व भाजपा सांसद और कथित संत राम विलास वेदांती जो एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में काले धन को सफेद करने में पकड़े जा चुके हैं, को सिमी की तरफ से धमकी मिली थी। जिसके खिलाफ हिंदू युवा वाहिनी समेत पूरे भगवा कुनबे ने धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया था। लेकिन जब पुलिस ने छान-बीन की तो इस पूरे प्रकरण के मास्टर माइंड स्थानीय हिंदू युवा वाहिनी के नेता ही निकले जो स्वयं धरने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे। जिस खुलासे के बाद वेदांती ने एफआइआर वापस ले ली। ठीक इसी तरह अगस्त 2008 के आजमगढ़ के प्रायोजित दंगे में जिसमें योगी के लोगों ने फायरिंग करके एक मुस्लिम नौजवान की हत्या कर दी और जिसे योगी ने अपने उपर हमला बताया था में भी इंण्डियन मुजाहिदीन की तरफ से योगी पर हमला करने वालों को बधाई भरा मेल मिला। जो इस भगवा ब्रिगेड के इस कथित आतंकी संगठन से रिश्ते पर सवाल उठाता है। जबकि पूरा शहर जानता है कि यह दंगा योगी के लोगों ने ही किया था। वहीं अभी पिछले साल पुलिस द्वारा जारी पूर्वांचल के सबसे सांप्रदायिक और अपराधी लोगों में भी योगी आदित्यनाथ शीर्ष पर थे।
जेयूसीएस मांग करती है कि-
1-सांसद योगी आदित्यनाथ की संसद सदस्यता रद् करते हुए उनका नामांकन रद् किया जाय और भविष्य में भी बाल ठाकरे की तरह चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया जाय।
2-योगी आदित्यनाथ पर सांप्रदायिक विद्वेश फैलाने का मुकदमा दर्ज किया जाय।
3-मउ, गोरखपुर, आजमगढ़,पडरौना,श्रावस्ती समेत पूरे पूर्वाचल के दंगों में लिप्त योगी और उनके संगठन हिंदू युवा वाहिनी पर तत्काल प्रतिबंध लगाते हुए संलिप्तता की उच्चस्तरीय जांच की जाय।
4-योगी के विवादित भाषणों के समय मौजूद रहे जिले के अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाय।
जर्नलिस्ट्स यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) द्वारा जारी चितरंजन सिंह (पीयूसीएल) ,अनिल चमाड़िया (स्वतंत्र पत्रकार), सुभाष गताडे (स्वतंत्र पत्रकार), शाहनवाज आलम,राजीव यादव, विजय प्रताप, ऋषि सिंह, अतुल चैरसिया उपमंत्री अयोध्या प्रेस क्लब, मोहम्मद शोएब (एडवोकेट), असद हयात (एडवोकेट), फरमान नकवी (एडवोकेट), के के राय (एडवोकेट), जमील अहमद आजमी (उपाध्यक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद), विनोद यादव, बलवंत यादव, महंत जुगल किशोर शास्त्री, प्रबुद्ध गौतम, लक्ष्मण प्रसाद, अलका सिंह, ए बी सालोमन, तारिक शफीक, मसीहुद्दीन, अरविंद सिंह, प्रदीप सिंह, अखिलेश सिंह,अरूण उरांव, पंकज उपाध्याय, विवेक मिश्रा, शशिकांत सिंह परिहार, विनय जयसवाल, राजकुमार पासवान, अरविंद शुक्ला, शरद जयसवाल,शालिनी बाजपेयी, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अविनाश राय, पीयूष तिवारी, अर्चना मेहतो, प्रिया मिश्रा, राहुल पांडे, वगीश पांडे, ओम प्रताप सिंह, अरूण वर्मा,शैलेष पाण्डे।
संपर्क सूत्र- 09415254919,09452800752,09982664458,09911848941

Monday, March 23, 2009

योगी के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज हो : जेयूसीएस

सेवा में,
श्रीमान मुख्य चुनाव आयुक्त,
भारत निर्वाचन आयोग,
अशोक रोड,
नई दिल्ली।

विषयः दिनांक 10 अप्रैल, 08 को आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा सांसद श्री आदित्य नाथ योगी एवं भाजपा प्रत्याशी श्री रमाकांत यादव व अन्य वक्ताओं द्वारा चुनाव आचार संहिता एवं सेक्शन 125 रिप्रजेन्टेशन आफ पिपुल एक्ट 1951 के उल्लंघन के सम्बन्ध में।

महोदय,

उपरोक्त विषय में आपसे निम्न निवेदन करना हैः-
1- यह कि प्रार्थीगण नम्बर 1 व 2 जर्नलिस्ट्स यूनियन फार सिविल सोसाइटी नामक संगठन के राष्ट्ीय कार्यकारिणी सदस्य है तथा प्रार्थी नं0 4 आवामी कोंसिल फार डेमोक्रेसी एंड पीस संगठन का जनरल सेक्रेट्ी है। यह दोनों संगठन, भारतीय नागरिक समाज में लोकतांत्रिक, सामाजिक न्याय व धर्म निरपेक्षता के सिद्धांतों की रक्षा के साथ-साथ अशिक्षित, कमजोर, पिछड़े, दलित व अक्षम वर्गों के नागरिकों के हितों के लिए कार्य करते हैं।
2- यह कि गोरखपुर सांसद आदित्य नाथ योगी हिन्दू युवा वाहिनी नामक संगठन के मुखिया हैं। सांसद श्री योगी एवं उनके संगठन का उद्देश्य भारतीय नागरिक समाज में हिन्दू राष्ट्वाद की आड़ में सांम्प्रादायिकता का जहर पैदा करना तथा समाज का साम्प्रादयिकता सद्भाव बिगाड़ना रहा है, जिससे इनके राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति होती है। ऐसा करके वे हिन्दू मतदाताओं का ध्रुवीकरण अपने व भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में करते रहे हैं एवं मुस्लिम मतदताओं के मन में अपना भय बिठाते रहे हैं।
3- यह कि दिनांक 10 अप्रैल, 08 को आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था, इस चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी श्री रमाकांत यादव के पक्ष में श्री आदित्यनाथ योगी ने ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं कर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को दूषित साम्प्रदायिकता का रूप देकर उन्हें अंदर तक झकझोरा और मुसलमानों के प्रति नफरत पैदा करने वाले तथा हिन्दू मुस्लिमों के बीच वैमनस्यता पैदा करने वाले, भाईचारे व साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले शब्दों का प्रयोग कर अपना भाषण दिया। इन भाषणों के दौरान मंच पर श्री रमाकांत यादव व अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभाओं में रमाकांत यादव व अन्य वक्ताओं ने भी इसी प्रकार के भाषण दिए।
4- यह कि श्री आदित्यनाथ योगी, श्री रमाकांत यादव एवं उनके सहयोगी अन्य वक्ताओं ने उक्त 10 अप्रैल 2008 को दिन के समय जनपद आजमगढ़ के सिकरौर, बिलरियागंज, कप्तानगंज, अतरौलिया तथा सिविल लाइन शहर आजमगढ़ में अपनी जनसभाएं आयोजित की और उक्त भाषण दिए। इन चुनावी सभाओं में प्रत्येक में कम से कम 5-5 हजार की संख्या में जन समुदाय उपस्थित था।
5- यह कि प्रार्थीगण ने इन सभाओं में श्री आदित्यनाथ योगी एवं अन्य वक्ताओं द्वारा दिए गए भाषणों की वीडियों रिकार्डिंग की जो कि जैसी रिकार्ड हुई उसी रूप में आपकों इस ज्ञापन के साथ ई-मेल की जा रही है। इसकी मूल प्रति प्रार्थीगण के पास है जिसे सुनवाई के समय आपके समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
6- यह कि इन चुनावी सभाओं में जिनकी रिकार्डिंग प्रार्थीगण ने की और जिनकी प्रति आपको प्रस्तुत की जा रही है, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिन्दुओं के शस्त्र व शास्त्र दोनों मिलाकर राष्ट् की व्यवस्था को चलाना है। इसलिए नारा लगाने के साथ-साथ भाला चलाना भी आना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने अजीत राय हत्याकांड, सुन्नर यादव हत्याकांड व गोकशी के कथित मामलों को संदर्भ लेते हुए अपने भाषण में कहा कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि हिन्दू मौन रहे इसलिए अब अगर एक हिन्दू की हत्या होगी तो हम सौ मुसलमानों की हत्या करेंगे और ब्याज सहित इसकी अदायगी की जाएगी। लेकिन इसको वही कर पाएगा जिसकी भुजाओं में ताकत होगी और शिखंडी व हिजड़े नहीं लड़ सकते। जिसमें लड़ने का जज्बा हो वही लड़ पाएगा और हमें एक लड़ने वाला रमाकांत यादव मिल गया है। योगी आदित्यनाथ ने मुसलमानों को कत्ल करने की अपनी दूषित विचारधारा के अनुसार बोलते हुए कहा कि अरबी बकरों (मुसलमानों) को काटने (हाथ से काटने का इशारा करते हुए )की तैयारी भी करनी चाहिए। आदित्यनाथ योगी ने हिन्दू लड़कियों को मुसलमानों युवकों से प्रेम प्रसंगों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय के एक आदेश की चिंता हो रही है जिसमें न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा कि हिन्दू लड़कियां क्यों मुसलमान लड़कों के साथ भाग जाती हैं। योगी आदित्यनाथ ने इस संदर्भ में अपने भाषण में कहा कि अगर एक हिन्दू लड़की किसी मुसलमान के साथ भागे तो सौ मुसलमान लड़कियों को हिन्दू लड़कों को भगाना चाहिए यानि कि अनुचित शारीरिक सम्बंध बनाने चाहिए। उन्होंने कहा जो मुसलमान धर्म परिवर्तन कर हिन्दू बनेगा उसको हम स्वीकार करेंगे और एक नई जाति बना देंगे। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण की शुरूआत में कहा कि जब होंगे बजरंगबली तो नहीं आ सकता कोई अली वली। उनके भाषण के समय उन्होंने जनता से हर हर महादेव, गऊ माता की जय, राम जन्म भूमि की जय, कृष्ण जन्म भूमि की जय, कांशी विश्वनाथ की जय, शंखनाद जैसे नारे के उद्घोष कराए और हिन्दू धर्म विधान के अनुसार उपस्थित जन समुदाय को संकल्प दिलाया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आजमगढ़ की पहचान किसी गजनवी, गौरी, बाबर या किसी आजम से हो यह उचित नहीं है। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आजमगढ़ का आर्यमगण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करते हूए जो हिन्दू राष्ट्रवाद का समर्थक हो। जिसका अर्थ है कि उन्होंने भारतीय संविधान मेें अनी अनास्था व्यक्त की, कयोंकि भारतीय संविधान किसी हिन्दू राष्ट्रवाद की विचारधारा का स्वीकृति नहीं देता और धर्म निरपेक्षता पर आधारित है लेकिन श्री आदित्य नाथ ने अपने भाषण में कहा कि हम ऐसे उम्मीदवार ;रमाकांत यादवद्ध का समर्थन करते हे जो हिन्दू राष्ट्रवाद का समर्थक है। उन्होंने कहा कि आज हिन्दू समाज प्रताड़ित हो रहा हे तथा उसके समक्ष पहाचान का संकट हैं उन्होंने कहा कि आम मुसलमाान किसी मुख्तार अंसारी, किसी खान या पठान का समर्थन करता है तो हम क्यों नहीं हिन्दू राष्ट्रवाद के समर्थक रमाकांत यादव का समर्थन कर सकते।
7- यह कि अपने भाषणों में श्री योगी आदित्य नाथ ने मुसलमानों को दो पहिया जानवर कहा उन्होंने कि पैदावार धान, गन्ने की बढ़े ते अच्छी बाात होती है लेकिन मुसलमानों की बढ़ती पैदावर को बन्द करने के लिए आगे आना पड़ेगा । इसी से प्रेरित होकर एक वकता द्वारा (योगी आदित्य नाथ वाश्री रमाकांत यादव की उपस्थिति में) आपने भाषण मेें कहा कि देष के खाद्यान्य समास्या की वजह मुसलमान हैं क्योंकि मुसलमानों की आबादी आठ गुना बढ़ गयी है और मुसलमान सुअर के पिल्लों की तरह बच्चे पैदा करता है और सड़कों पर छोड़ देता है। इन सभाओं में जो नारे लगे उनमें यूपी भी गुजरात बनेगा, आजमगढ़ शुरूआत करेगा, जैसे नारे प्रमुख हैं। जिसका अर्थ है कि वे हिन्दू जनता को मुसलमानों के विरूद्ध नफरत पैदा करके उन्हें भड़का रहे थे तथा मुसलमानों में डर बैठा रहे थे। उक्त भाषणों का प्रभाव जनमानस पर यही हुआ।
8- यह कि उक्त जनसभाओं में जो अन्य भाषण दिए गए हैं वे संलग्न सीडी में देखे व सुने जा सकते हैं। यह समस्त भाषण, विचार जो चुनाव जन सभा के दौरान व्यक्त किए गए हैं वे धारा 125 रिप्रजेन्टेशन आफ पीपुल एक्ट का सीधा उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त धारा 153-ए, 171-ए, 171-सी, 188, 505 आईपीसी एवं अन्य विधिक प्राविधानों का उल्लंघन है।
9- यह कि यह आश्चर्य का विषय है कि जिला चुनाव अधिकारी आजमगढ़ द्वारा कोई कार्यवाही उक्त विषैले भाषण देने के पाश्चात् आज तक श्री आदित्यनाथ योगी व श्री रमाकांत यादव एवं अन्य वक्ताओं के विरूद्ध नहीं की गई और न ही भारत चुनाव आयोग द्वारा आज तक इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही हुई जिसका अर्थ है कि जिला प्रशासन आजमगढ़ एवं भारत चुनाव आयोग श्री आदित्यनाथ एवं सहयोगियों को कानून से ऊपर मानता है।
10- यह कि उक्त भाषणों की मूल टेप प्राथर््ीगण के पास है जिसे सुनवाई के समय प्रस्तुत किया जाएगा। जैसी टेप रिकार्ड है उसी रूप में ज्ञापन के साथ ई-मेल द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।
11- यह कि वर्तमान लोकसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ और भाजपा के अनेक उम्मीदवार का समर्थक इसी प्रकार की शब्दावली व भाषण विशेषकर बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी मण्डलों के जनपदों के अंतर्गत आने वाले लोकसभा क्षेत्रों में दे रहे हैं और वैमनस्यता पैदा कर रहे हैं जो भारतीय नागरिक समाज में सामाजिक सद्भाव के लिए घातक है। इन वक्ताओं में श्री आदित्यनाथ योगी, रमाकांत यादव (आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी), वाई डी सिंह (बस्ती से भाजपा प्रत्याशी), श्री पंकज (महराजगंज से भाजपा प्रत्याशी), श्री विनय दूबे, (पडरौना से भाजपा प्रत्याशी), श्री सुनील सिंह एवं राघवेंद्र सिंह पदाधिकारीगण हिन्दू युवा वाहिनी इनके प्रमुख सहयोगी वक्ता हैं।
प्रार्थना
अतः इन परिस्थितियों में आपसे प्रार्थना है कि--
1- यह कि उपरोक्त विषय में श्री योगी आदित्य नाथ, श्री रमाकांत यादव उक्त के विरूद्ध अंतर्गत धारा 125 रिप्रजेन्टेशन आफ पीपुल एक्ट 1951 एवं अन्य विधिक प्राविधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाए एवं मामले को दबाने वाले दोषी जिला अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाए।
2- यह कि वर्तमान लोकसभा चुनाव के दौरान विशेषकर श्री आदित्यनाथ योगी, रमाकांत यादव, वाई डी सिंह, विनय दूबे, श्री पंकज एवं अन्य इनके सह वक्ताओं के भाषणों की रिकार्डिंग कराई जाए।
3- एवं अन्य कार्यवाही जनहित व न्यायहित में की जाए जिसका किया जाना आवश्यक है।
प्रार्थीगण
1- राजीव कुमार यादव पु़त्र श्री इंद्रदेव यादव निवासी ग्राम घिन्हापुर, पोस्ट गोपालपुर, थाना मेहनगर आजमगढ़
2- शाहनवाज आलम पुत्र मोहम्मद इलियास, निवासी बहेरी बलिया
3- राजकुमार पुत्र राम अचल, निवासी पचदेवरा, कछराना इलाहाबाद
4- मोहम्मद असद हयात एडवोकेट जनरल सेक्रेटरी आवामी कौंसिल फार डेमोक्रेसी एंड पीस,
द्वारा जनाव फरमान अहमद नकवी एडवोकेट समीप दरगाह दरियाबाद,
इलाहाबाद
दिनांक 20-03-२००९
प्रतिलिपि- जानकारी एवं आवश्यक कार्यवाही के निवेदन के साथ प्रस्तुत है (संलग्न उक्त भाषण ई-मेल के साथ)
1- श्री मुख्य चुनाव अधिकारी, उत्तर प्रदेश, चैथी मंजिल, विकास भवन, जनपथ मार्केट लखनऊ।

जारीकर्ता- जर्नलिस्ट्स यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) व आवामी कौंसिल फाॅर डेमोक्रेसी एंड पीसचितरंजन सिंह (पीयूसीएल) ,अनिल चमाड़िया (स्वतंत्र पत्रकार), सुभाष गताडे (स्वतंत्र पत्रकार), मोहम्मद शोएब (एडवोकेट), असद हयात (एडवोकेट), फरमान नकवी (एडवोकेट), के के राय (एडवोकेट), जमील अहमद आजमी (उपाध्यक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद), विनोद यादव, बलवंत यादव, महंत जुगल किशोर शास्त्री, विजय प्रताप, प्रबुद्ध गौतम, लक्ष्मण प्रसाद, ऋषि सिंह, अलका सिंह, ए बी सालोमन, तारिक शफीक, मसीहुद्दीन, अरविंद सिंह, प्रदीप सिंह, अखिलेश सिंह, अतुल चैरासिया ;उप मंत्री अयोध्या प्रेस क्लबद्ध, अरूण उरांव, पंकज उपाध्याय, विवेक मिश्रा, शशिकांत सिंह परिहार, विनय जयसवाल, राजकुमार, अरविंद शुक्ला, शरद जयसवाल, राघवेंद्र प्रताप सिंह, अविनाश राय, पीयूष तिवारी, अर्चना मेहतो, प्रिया मिश्रा, राहुल पांडे, वगीश पांडे, ओम प्रताप सिंह, अरूण वर्मा।