पर आ रहे न्यायालय के फैसले पर खबरों की मानिटरिंग की जाएगी। पिछले दिनों
से जैसे-जैसे फैसले की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे प्रायोजित रुप से
सांप्रदायिक खबरों को परोसने की कवायद तेज हो गयी है। खबरों की यह
मानिटरिंग मुख्य रुप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जनमाध्यमों की होगी।
जेयूसीएस ने मीडिया कर्मियों से अपील की है कि इस दौरान वे खबरों को
प्रसारित करते समय विशेष सतर्कता बरतें। सूत्रों की राजनीति की खबरों को
प्रसारित करते समय संस्थान खबर देने वाले व्यक्ति की बाई लाइन लगाएं।
जिससे यह शिनाख्त आसान हो जाए कि खबर कहां से दी जा रही है या लायी जा
रही है।
प्रेस काउंसिल ऑॅफ इंडिया को ऐसी खबरों पर तत्काल लगाम लगाने की जरुरत है
जिससे एक बार फिर बानबे की तरह पत्रकारिता पर कलंक न लगे और जो दोषी हों
उनके खिलाफ कार्यवायी हो। जेयूसीएस इस दौरान खबरों की मानिटरिंग रिपोर्ट
से प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को नियमित अवगत कराएगा।
जेयूसीएस ने कहा कि इस मानिटरिंग को अभी से शुरु करने की इसलिए आवश्यकता
हुयी जिससे कि कोई सांप्रदायिक घटना न हो सके। पिछले कुछ दशकों में देखा
गया है कि जनमाध्यमों द्वारा भ्रामक और प्रायोजित खबरों के संजाल ने देश
में सांप्रदायिक तनाव पैदा कराकर हजारों-हजार मासूम निर्दोषों का नरसंहार
करवाया। जेयूसीएस बुद्धिजीवी समाज से भी अपील करता है कि वो ऐसे किसी भी
ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रम में न जाएं जहां से सांप्रदायिकता हो बढ़ावा मिल
सकता है। यहां जेयूसीएस इस मुद्दे पर सहमत तमाम बुद्धिजीवियों, पत्रकारों
और सामाजिक कार्यकताओं से अपील करता है कि उनकी निगाह से ऐसी खबरें
गुजरें तो वे जेयूसीएस को अवगत कराएं।
द्वारा जारी-
राघवेंद्र प्रताप सिंह, शाहनवाज आलम, विजय प्रताप, राजीव यादव, शाह आलम,
ऋषि सिंह, अवनीश राय, अरुण उरांव, विवके मिश्रा, अंशु माला सिंह, संदीप
दूबे, तारिक शफीक, लक्ष्मण प्रसाद, मसीहुद्दीन संजरी, देवाशीष प्रसून,
राकेश, रवि राव।
जर्नलिस्ट यूनियन फॉर सिविल सोसाइटी ;जेयूसीएसद्ध की दिल्ली और यूपी ईकाई
द्वारा जारी।
सार्थक और सराहनीय प्रयास ,लेकिन आपलोग इस भ्रष्टाचार के गेम जिसने पूरी इंसानियत के साथ-साथ पूरी दिल्ली को बर्बाद कर दिया है के जोरदार विरोध के लिए भी कुछ कर रहें हैं की नहीं ...? बताइयेगा जरूर ,इस गेम का विरोध हर इमानदार इंसान को जरूर करना चाहिए ..
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