Wednesday, February 10, 2010

पत्रकार सीमा आजाद की गिरफ्तारी के विरोध में जेयूसीएस चलाएगा हस्ताक्षर अभियान

- गिरफ्तारी को बताया अभिव्यक्ति व विचारों की स्वतंत्रता पर हमला बताया

नई दिल्ली 10 फरवरी। पत्रकार सीमा आजाद की गिरफ्तारी के खिलाफ व उनकी रिहाई की मांग को लेकर जर्नलिस्ट यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) हस्ताक्षर अभियान चलाएगा। जेयूसीएस की बुधवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने पत्रकार सीमा आजाद की गिरफतारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए इसकी कड़ी निंदाकी ।
बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विजय प्रताप व अवनीश राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मानवाधिकारों पर पहले से ही खतरा मंडरा रहा है। राज्य में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली कहीं से भी लोकतांत्रिक नहीं हैं। अपनी वाजिब मांगों के लिए संघर्ष कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं और उनके खिलाफ मनमाने फर्जी मुकदमें लादे जा रहे हैं। आजमगढ़, इलाहाबाद व सोनभद्र जैसे जिलों में मानवाधिकारों का कोई मतलब नहीं रहा गया है। कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि इस खतरे से अब पत्रकार, साहित्यकार या मानवाधिकार कार्यकर्ता भी अछूते नहीं है। जगह-जगह उनका भी दमन हो रहा है। इलाहाबाद में चाहे पत्रकार सीमा आजाद का मामला हों या आजमगढ़ में पीयूसीएल के संयुक्त मंत्री मसीहुद्दीन संजरी का मामला हो। मानवाधिकार की आवाज बुलंद करने वाले नागरिक व पत्रकार पुलिस के निशाने पर है। कार्यकारिणी सदस्य पंकज उपाध्दाय व अरुणउरांव ने कहा कि राज्य व पुलिस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि 'नक्सल साहित्य' में कौन-कौन सी किताबें आती है। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इस तरह के साहित्यों के लिए कोई फिल्म सेंसर बोर्ड की तरह ए, बी, या सी कटैगरी तैयार की गई है। अगर ऐसी कोई कैटेगरी है तो उसे सार्वजानिक किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'नक्सल साहित्य' के नाम पर पुलिस को यह खुली छूट मिली है कि वो किसी को गिरफ्तार कर ले और उसे देश के लिए खतरा बता दे। उन्होंने कहा कि सत्ता व पुलिस धीरे-धीरे विचारों की अभिव्यक्ति का भी गला घोंट देना चाहती है। नक्सल साहित्य के नाम पर लोगों की गिरफ्तारी इसका ताजातरीन नमूना है।
पत्रकार व जेयूसीएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ऋषि कुमार सिंह, लक्ष्मण प्रसाद व विवेक मिश्र ने बताया कि जर्नलिस्ट यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस) देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश में चल रहे पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ समर्थन एकत्र करेगी। अभियान के तहत जेयूसीएस प्रबुद्ध नागरिकों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, साहित्यकारों व छात्रों के बीच जाकर उनसे सीमा आजाद की रिहाई की मांग के समर्थन में हस्ताक्षर कराएगी जिसे बाद में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मानवाधिकार आयोग को भेजा जाएगा। जेयूसीएस ने पत्रकार सीमा आजाद की गिरफ्तारी के खिलाफ पीयूसीएल के 13 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्र्वापी विरोधप्रदर्शनों का समर्थन किया है।



विजय प्रताप,
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य
जर्नलिस्ट यूनियन फाॅर सिविल सोसायटी (जेयूसीएस)

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