Wednesday, May 12, 2010

झारखण्ड सरकार और कोडरमा पुलिस के खिलाफ झारखण्ड भवन पर प्रदर्शन


 #  निरुपमा के हत्यारों को बचाने की निंदा

#  छात्रपत्रकार और महिला संगठन ने किया प्रदर्शन 

नई दिल्ली, 12 मई  
युवा पत्रकार निरुपमा पाठक की हत्या के मामले में झारखण्ड पुलिस की लीपापोती और प्रियभांशु रंजन पर लादे गए फर्जी मुकदमों के खिलाफ बुधवार को जेयूसीएस ( जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाईटी)आइसा (आल इंडिया स्टुडेंट्स एसोसिएशन) और एपवा (आल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमेन एसोसिएशन) ने संयुक्त रूप से झारखण्ड भवन पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने झारखण्ड और केंद्र सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने झारखण्ड भवन के गेट पर उन्हें रोकने के प्रयास को विफल करते हुए अन्दर घुस कर सभा की. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आइसा के महसचिव रवि राय ने कहा की पत्रकार निरुपमा पाठक की हत्या के दो हफ्ते बाद भी झारखण्ड पुलिस दोषिओं  को गिरफ्तार नहीं कर सकी है और हत्यारों को बचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा की अगर झारखण्ड सरकार इस मामले में हत्यारों को ऐसे ही बचाती रही तो आइसा निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन संघर्ष करेगी. दिल्ली राज्य सचिव राजन पांडे ने कहा की सनातनी  और परम्पराओं के नाम पर युवाओं की हत्या बर्दास्त नहीं की जाएगी. निरुपमा को न्याय दिलाने के लिए झारखण्ड सरकार से सीधी लड़ाई के लिए भी तैयार हैं.
एपवा की राष्ट्रीय सचिव कविता कृष्णन ने कहा की एक तरफ जातीय अस्मिता के नाम पर निरुपमा जैसी युवा लड़कियों की हत्या हो रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के कथित युवा ब्रिगेड के नेता नवीन जिंदल खाप पंचायतों और उनके फैसलों का गुणगान कर रहे हैं. उन्होंने कहा की जो लोग ऐसी हत्यों को गाँव-देहात की समस्या मानकर देखते हैं जिंदल जैसे उद्योगपतियों का यह बयान उनके लिए आइना है.
जेयूसीएस से जुड़े स्वतंत्र पत्रकार विजय प्रताप ने कहा की निरुपमा की हत्या कोई आनर किलिंग नहीं हैबल्कि यह उन संवैधानिक अधिकारों की भी हत्या है  जिसके अंतर्गत भारतीय संविधान उन्हें इच्छानुसार जीने और जीवन साथी चुनने का अधिकार देता है. उन्होंने कहा की देश के कई हिस्सों में रोजाना ऐसी घटनाएँ हो रही है जिसमे अपनी पसंद के अनुसार जीवन साथी चुनने वालों को जातिधर्म या पारिवारिक प्रतिष्ठा के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने राजनीतिक दलों से भी इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की.
भारतीय जनसंचार संस्थान में पत्रकारिता शिक्षण से जुड़े भूपेन सिंह ने भी प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा की यह केवल एक निरुपमा की लड़ाई नहीं हैबल्कि उन तमाम निरुपमाओं की लड़ाई है जो जाति या गोत्र के नाम पर मार दी जा रही हैं.
जेयूसीएसआइसा और एपवा के एक प्रतिनिधि मंडल ने झारखण्ड के रेजिडेंट कमिश्नर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. इसमें निरुपमा के हत्यारों तुरंत गिरफ्तार करने,प्रियभांशु पर लादे गए फर्जी मुकदमो को वापस लेने की मांग और ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विशेष कानून बनाने की मांग शामिल है.

द्वारा 
ऋषि कुमार सिंह,
09313129941
जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसाईटी (जेयूसीएस) ई-36,गणेशनगर,नई दिल्ली-92 की तरफ से जारी

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